In The News

August 2022

The growth trajectory of Angul-based coal mining and coal dependant industries is counter-intuitive for Odisha, one of the most vulnerable states to climate impacts, found a new study that suggested regulating coal mining and preparing a comprehensive energy transition policy.

May 2022

कोयला सीमित है और कुछ सालों में यह खत्म हो जाएगा। कोलमाइंस बंद हो जाएंगे। इसके बाद कोलमाइंस से जुड़े हजारों लोगों को रोजगार, वहां का पर्यावरण और जमीन को सुरक्षित व उपयोग के लायक बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती होगी। इसके लिए अभी से योजना बनानी होगी। कोरबा के कोलमाइंस भी वर्ष 2030 से 2040 के बीच खत्म हो जाएगा। इससे माइंस से जुड़े लोग, वहां की जमीन और पर्यावरण के लिए विशेष योजना बनाने की जरूरत है। इंटरनेशनल फोरम फॉर इनवायर्नमेंट सस्टेनेबिलिटी एंड टेक्नोलॉजी की रिसर्च में इसका खुलासा हुआ है। संस्था ने छत्तीसगढ़ सरकार को अपनी रिपोर्ट और सुझाव दिए हैं। आईफॉरेस्ट के फाउंडर चंद्रभूषण ने बताया कि आने वाले दिनों में कोयले का उत्पादन तो बढ़ेगा, लेकिन खरीदने वाले कम हो जाएंगे। कोयले का विकल्प तैयार हो चुका है। अब इस पर टेक्नोलॉजी का प्रेशर बढ़ेगा। रिन्यूवल एनर्जी से जो बिजली ढाई रुपए में मिल रही है, वही कोयले से साढ़े छह रुपए में मिल रहा है। कोरबा की खदानों से देश का 16 प्रतिशत कोयला उत्पादन होता है। अकेले कोरबा से लगभग एक बिलियन टैक्स गवर्नमेंट को जाता है। शहर के एक होटल में अपनी रिपोर्ट मीडिया से साझा करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि अब ट्रांजिशन पर विचार करे। विदेशों की तर्ज पर कोरबा की कोयला खदान की जमीन के बेहतर उपयोग के लिए अभी से प्लानिंग करने की जरूरत है।